Advertisement

बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर झारखंड – Basukinath Mandir History in Hindi

Baba Basukinath Mandir – बाबा बासुकीनाथ मंदिर को भोले नाथ का दरबार माना जाता है। इस धाम में भी बाबा धाम मंदिर की तरह शिव और पार्वती मंदिर एक-दूसरे के ठीक सामने हैं। बासुकीनाथ मंदिर, बाबा धाम मंदिर देवघर का एक छोटा प्ररूप जैसा है।

यदि आप बाबा धाम देवघर जाने की योजना बना रहे हैं, तो बासुकीनाथ धाम भी आपको अवश्य जाना चाहिए। इस पोस्ट में हम आपको बाबा बसुकीनाथ मंदिर के बारे में सारी जानकारी देंगे। इसिलिए पोस्ट को अंत तक पढ़े।

बासुकीनाथ मंदिर झारखंड – बाबा बासुकीनाथ धाम

बाबा बासुकीनाथ धाम झारखंड के दुमका जिले में स्थित है। यह देवघर-दुमका राज्य राजमार्ग पर स्थित है और देवघर से लगभग 45 किमी और दुमका से लगभग 25 किमी उत्तर-पश्चिम में है। यह जरमुंडी ब्लॉक में स्थित है।

basukinath dham temple बाबा बासुकीनाथ मंदिर
Baba Basukinath Mandir / Dham

बाबा बासुकीनाथ धाम को भगवान शिव का दरबार माना जाता है। तीर्थयात्री बैद्यनाथ धाम मंदिर में गंगा जल चढ़ाने के बाद, यहां के शिव मंदिर में पूजा करने के लिए लगभग 45 किमी दूर बासुकीनाथ धाम की पवित्र यात्रा करते हैं। बैद्यनाथ धाम की यात्रा बासुकीनाथ धाम में पूजा-अर्चना करने के बाद ही पूरी मानी जाती है।

मंदिर परिसर में और भी देवी देवताओं के कई सारे छोटे छोटे मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए यात्री सालो भर आते रहते हैं लेकिन श्रावण माह में विशेष देश के कई जगह से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।

बासुकीनाथ धाम मंदिर (Basukinath Dham Mandir) को मोनिकर फौजदारी धाम या एक आपराधिक अदालत के नाम से भी जाना जाता है, जहां न्याय मांगने वाले निराश नहीं होते।

बासुकीनाथ धाम का इतिहास – Basukinath Mandir History in Hindi

बासुकीनाथ मंदिर इस क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और जरमुंडी गांव के पास स्थित है। वर्तमान संरचना लगभग 150 वर्ष पुरानी होने का अनुमान है और कहा जाता है कि इसे एक आदिवासी बसकी तात्मे द्वारा बनाया गया था।

किंवदंती: ऐसा माना जाता है कि सागर मंथन के दौरान, भगवान वासुकी, नाग भगवान ने शिव लिंग की पूजा की थी। सदियों से, यह भी माना जाता है कि नाग शिव लिंग को दूध से स्नान कराते थे और इसलिए इस मंदिर को बासुकीनाथ शिवलिंग के नाम से जाना जाने लगा।

श्रावणी मेला और कांवड़ यात्रा

बासुकीनाथ जुलाई और अगस्त के बीच श्रावण के मेले के लिए प्रसिद्ध है। जुलाई अगस्त के महीनों में भारत के कई राज्यों से भारी संख्या में लोग दर्शन करने और जल चढाने जाते हैं। जिसे कांवरिया मेला या कांवड़ यात्रा के नाम से भी जानते हैं

शिव भक्त सबसे पहले बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज (उत्तरवाहिनी गंगा), जो बासुकीनाथ से लगभग 135 किलोमीटर दूर है, वहाँ पहुंचते हैं और गंगा जल ले कर बाबा धाम की और पैदल आते है। बासुकीनाथ जाने वाले तीर्थयात्री पहले देवघर में बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते है।

श्रावणी मेला जिसे कांवरिया मेला के नाम से भी जानते हैं यह श्रावण माह में लगभग सवा महीनों तक चलता है। इस दौरान बाबा बासुकीनाथ धाम का महत्त्व बढ़ जाता है। जुलाई अगस्त के महीनों में भारत के कई राज्यों से भारी संख्या में लोग दर्शन करने और जल चढाने जाते हैं। शिव भक्त सबसे पहले बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज, जो बासुकीनाथ से लगभग 135 किलोमीटर दूर है, वहाँ पहुंचते हैं और गंगा जल ले कर बाबा धाम की और पैदल आते है। जो भक्त बिना रुके सीधे बासुकीनाथ पहुंचते हैं उन्हें डाक बम कहते हैं और जो कई जगह रुकते हुए बाबा के धाम पहुँचते हैं उन्हें बोल बम कहते है।

Basukinath-temple-बासुकीनाथ मंदिर
बासुकीनाथ मंदिर झारखंड

बासुकीनाथ मंदिर में राम जानकी विवाह उत्सव

राम जानकी विवाह महोत्सव हर साल विवाह पंचमी पर बासुकीनाथ मंदिर में मनाया जाता है। विवाह पंचमी एक हिंदू त्योहार है जो राम और सीता के विवाह का जश्न मनाता है।

यह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नवंबर से दिसंबर तक शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन को मंदिरों में सीता और राम के विवाह के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को “पालकी उत्सव” भी कहा जाता है क्योंकि जुलूस में हाथियों और घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे पहुँचे बासुकीनाथ मंदिर

बासुकीनाथ मंदिर देवघर से लगभग 46 किलोमीटर और दुमका से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बासुकीनाथ धाम पहुंचने के लिए आप देवघर या जसीडीह से बस, ट्रेन या टैक्सी ले सकते हैं।

निकटतम बस स्टैंड

  • बासुकीनाथ बस स्टैंड– देवघर बस स्टैंड और दुमका बस स्टैंड से बासुकीनाथ के लिए रोज़ बसें चलती है। बासुकीनाथ बस स्टैंड से बासुकीनाथ मंदिर की दुरी 2 किलोमीटर है।
  • दुमका बस स्टैंड – दुमका बस स्टैंड से बासुकीनाथ मंदिर की दुरी 25 किलोमीटर है।

निकटतम रेलवे स्टेशन

  • बासुकीनाथ रेलवे स्टेशन – बासुकीनाथ मंदिर, देवघर-दुमका ट्रेन रूट पर है। बासुकीनाथ रेलवे स्टेशन से बासुकीनाथ मंदिर की दुरी 2 किलोमीटर है।
  • दुमका रेलवे स्टेशन – बासुकीनाथ मंदिर से दुरी 24 किलोमीटर
  • देवघर रेलवे स्टेशन – बासुकीनाथ मंदिर से दुरी 44 किलोमीटर

निकटतम हवाई अड्डा

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा कोलकाता- 271 किलोमीटर
  • बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची – 250 किलोमीटर
  • लोक नायक हवाई अड्डा पटना – 255 किलोमीटर
  • देवघर हवाई अड्डा – 50 किलोमीटर

Also Read: Places To Visit in Deoghar

कहां रुके – Hotels Near Basukinath Temple

आप देवघर या जसीडीह के किसी भी अच्छे होटल में ठहर सकते हैं। हालांकि बासुकीनाथ के पास आवास के लिए आप झारखंड पर्यटन विकास विभाग से भी संपर्क कर सकते हैं।

पता: होटल बासुकी विहार, बैंकोफ शिवगंगा, एसबीआई के सामने, बासुकीनाथ

Email: hotelbasukivihar@gmail.com

मोबाइल नंबर: 9102403876

बासुकीनाथ मंदिर के नजदिक सुविधायें

निकटतम अस्पताल

  • जरमुंडी सरकारी अस्पताल- 4 किलोमीटर

निकटतम पुलिस स्टेशन

  • जरमुंडी थाना- 3 किलोमीटर

इनके अलावा बासुकीनाथ मंदिर के नजदिक आपको छोटे मोटे रेस्टोरेंट और जनसुविधाएं मिल जाएंगे।


FAQs- Basukinath Dham Temple

Q1. देवघर से बासुकीनाथ की दूरी कितनी है?

बासुकीनाथ मंदिर देवघर से लगभग 46 किलोमीटर और दुमका से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Q2. बासुकीनाथ मंदिर के खुलने और बंद होने का समय क्या है?

बासुकीनाथ मंदिर खुलने का समय सुबह 3 बजे और बंद होने का समय रात 8 बजे है।

Q3. क्या यहा स्नानगृह उपलब्ध है?

हाँ ! यहाँ पब्लिक टॉयलेट उपलब्ध हैं।

Q4. क्या यहाँ पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध है?

हाँ ! यहाँ पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध है।

Q5. बासुकीनाथ मंदिर के पास कौन से दर्शनीय स्थल हैं?

मसनजोर बांध, मयूराक्षी नदी, त्रिकुट पर्वत, बैद्यनाथ धाम आदि बासुकीनाथ धाम के पास स्थित हैं। घूमने वाले स्थानों की सूची यहां दी गई है।


यह भी पढ़ें: 

Leave a Comment