Ekadashi Kab Hai 2024 – हिन्दू कलैंडर के अनुसार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के 11वीं तिथि को एकादशी या ग्यारस कहते हैं। इस लेख में हम जानेंगे की साल 2024 में एकादशी तिथि कब-कब है। (Ekadashi Tithi Kab Hai)
प्रतिवर्ष हर माह में 2 एकादशी के व्रत होते है, जिसमे एक कृष्णा पक्ष का और दूसरा शुक्ल पक्ष का। एकादशी को ग्यारस भी कहा जाता है। साल 2024 में कुल 25 एकादशी है – सफला एकादशी इस साल दो बार (07 जनवरी में और 26 दिसंबर) को है। आइए जानते हैं वर्ष 2024 में पड़ने वाली प्रमुख एकादशी यानि ग्यारस कब की है। (Gyaras Kab Ki Hai)
एकादशी कब है 2024 | Ekadashi Kab Hai
एकादशी कब है इस महीने में
साल 2024 जनवरी से दिसंबर तक की एकादशी तिथि की सूची नीचे टेबल में दी गई है। चलिए देखते है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस महीने की एकादशी कब है –
एकादशी तिथि | दिनांक | तिथि समय |
---|---|---|
सफला एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 07 जनवरी 2024 | समय देखें |
पौष पुत्रदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 21 जनवरी 2024 | समय देखें |
षटतिला एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 06 फरवरी 2024 | समय देखें |
जया एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 20 फरवरी 2024 | समय देखें |
विजया एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 06 मार्च 2024 | समय देखें |
आमलकी एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 20 मार्च 2024 | समय देखें |
पापमोचिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 05 अप्रैल 2024 | समय देखें |
कामदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 19 अप्रैल 2024 | समय देखें |
बरूथिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 04 मई 2024 | समय देखें |
मोहिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 19 मई 2024 | समय देखें |
अपरा एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 02 जून 2024 | समय देखें |
निर्जला एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 18 जून 2024 | समय देखें |
योगिनी एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 02 जुलाई 2024 | समय देखें |
देवशयनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 17 जुलाई 2024 | समय देखें |
कामिका एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 31 जुलाई 2024 | समय देखें |
सावन पुत्रदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 16 अगस्त 2024 | समय देखें |
अजा एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 29 अगस्त 2024 | समय देखें |
परिवर्तिनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 14 सितंबर 2024 | समय देखें |
इंदिरा एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 28 सितंबर 2024 | समय देखें |
पापांकुशा एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 13 अक्टूबर 2024 | समय देखें |
रमा एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 31 अक्टूबर 2024 | समय देखें |
देवउठनी एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 12 नवंबर 2024 | समय देखें |
उत्पन्ना एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 26 नवंबर 2024 | समय देखें |
मोक्षदा एकादशी (शुक्ल पक्ष) | 11 दिसंबर 2024 | समय देखें |
सफला एकादशी (कृष्ण पक्ष) | 26 दिसंबर 2024 | समय देखें |
Ekadashi ka vrat kab hai
एकादशी व्रत पंचांग या हिन्दू कैलेंडर पर आधारित होते है। साल 2024 में एकादशी के व्रत की तारीख / तिथि समय (Fasting Days and Time) कुछ इस प्रकार है:
एकादशी कब है जनवरी 2024
1. सफला एकादशी
- मास – पौष
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – रविवार
- शुरू – 7 जनवरी 2024 देर रात 12:41 (AM) से
- समापन – 8 जनवरी 2024 देर रात 12:46 (AM) तक
2. पौष पुत्रदा एकादशी
- मास – पौष
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – रविवार
- शुरू – 20 जनवरी 2024 संध्या 7:26 (PM) से
- समापन – 21 जनवरी 2024 संध्या 7:26 (PM) तक
एकादशी कब है फरवरी 2024
1. षटतिला एकादशी
- मास – माघ
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – मंगलवार
- शुरू – 5 फरवरी 2024 संध्याकाल 5:24 (PM) से
- समापन – 6 फरवरी 2024 संध्याकाल 04:07 (PM) तक
2. जया एकादशी
- मास – माघ
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – मंगलवार
- शुरू – 19 फरवरी 2024 प्रातः 08:49 (AM) से
- समापन – 20 फरवरी 2024 प्रातः 9:55 (AM) तक
एकादशी कब है मार्च 2024
1. विजया एकादशी
- मास – फाल्गुन
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – बुधवार
- शुरू – 6 मार्च 2024 प्रातः 06:39 (AM) से
- समापन – 7 मार्च 2024 प्रातः 4:13 (AM) तक
2. आमलकी एकादशी
- मास – फाल्गुन
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – बुधवार
- शुरू – 20 मार्च 2024 देर रात 12:21 (AM) से
- समापन – 21 मार्च 2024 देर रात 02:22 (AM) तक
एकादशी कब है अप्रैल 2024
1. पापमोचनी एकादशी
- मास – चैत्र
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – शुक्रवार
- शुरू – 4 अप्रैल 2024 संध्याकाल 04:14 (PM) से
- समापन – 5 अप्रैल 2024 दोपहर 01:28 (PM) तक
2. कामदा एकादशी
- मास – चैत्र
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – शुक्रवार
- शुरू – 18 अप्रैल 2024 संध्या 05:31 (PM) से
- समापन – 19 अप्रैल 2024 संध्या 08:04 (PM) तक
एकादशी कब है मई 2024
1. वरुथिनी एकादशी
- मास – वैशाख
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – शनिवार
- शुरू – 3 मई 2024 पूर्वाह्न 11:24 (AM) से
- समापन – 4 मई 2024 संध्या 08:38 (PM) तक
2. मोहिनी एकादशी
- मास – वैशाख
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – रविवार
- शुरू – 18 मई 2024 पूर्वाह्न 11:22 (AM) से
- समापन – 19 मई 2024 दोपहर 01:50 (PM) तक
एकादशी कब है जून 2024
1. अपरा एकादशी
- मास – ज्येष्ठ
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – रविवार
- शुरू – 2 जून 2024 प्रातः 5:05 (AM) से
- समापन – 3 जून 2024 देर रात 02:41 (AM) तक
2. निर्जला एकादशी
- मास – ज्येष्ठ
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – मंगलवार
- शुरू – 17 जून 2024 प्रातः 4:43 (AM) से
- समापन – 18 जून 2024 प्रातः 6:24 (AM) तक
एकादशी कब है जुलाई 2024
1. योगिनी एकादशी
- मास – आषाढ़
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – मंगलवार
- शुरू – 1 जुलाई 2024 प्रातः 10:26 (AM) से
- समापन – 2 जुलाई 2024 प्रातः 08:42 (AM) तक
2. देवशयनी एकादशी
- मास – आषाढ़
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – बुधवार
- शुरू – 16 जुलाई 2024 संध्या 08:34 (PM) से
- समापन – 17 जुलाई 2024 संध्या 09:03 (PM) तक
3. कामिका एकादशी
- मास – श्रावण
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – बुधवार
- शुरू – 30 जुलाई 2024 संध्या 4:44 (PM) से
- समापन – 31 जुलाई 2024 दोपहर 3:55 (PM) तक
(साल 2024 में ग्यारस कब है – जानिए पूरी लिस्ट)
एकादशी कब है अगस्त 2024
1. श्रावण पुत्रदा एकादशी
- मास – सावन
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – शुक्रवार
- शुरू – 15 अगस्त 2024 प्रातः 10:26 (AM) से
- समापन – 16 अगस्त 2024 प्रातः 09:39 (AM) तक
2. अजा एकादशी
- मास – भाद्रपद
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – बृहस्पतिवार
- शुरू – 29 अगस्त 2024 रात्रि 01:19 (AM) से
- समापन – 30 अगस्त 2024 रात्रि 01:37 (PM) तक
एकादशी कब है सितंबर 2024
1. परिवर्तिनी एकादशी
- मास – भाद्रपद
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – शनिवार
- शुरू – 13 सितंबर 2024 रात्रि 10:30 (PM) से
- समापन – 14 सितंबर 2024 रात्रि 08:41 (PM) तक
2. इंदिरा एकादशी
- मास – आश्विन
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – शनिवार
- शुरू – 27 सितंबर 2024 दोपहर 01:20 (PM) से
- समापन – 28 सितंबर 2024 दोपहर 02:50 (PM) तक
एकादशी कब है अक्टूबर 2024
1. पापांकुशा एकादशी
- मास – आश्विन
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – रविवार
- शुरू – 13 अक्टूबर 2024 प्रातः 09:09 (AM) से
- समापन – 14 अक्टूबर 2024 प्रातः 06:41 (AM) तक
2. रमा एकादशी
- मास – कार्तिक
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – सोमवार
- शुरू – 27 अक्टूबर 2024 प्रातः 05:24 (AM) से
- समापन – 28 अक्टूबर 2024 प्रातः 07:51 (AM) तक
एकादशी कब है नवंबर 2024
1. देवउठनी एकादशी / देवउत्थान एकादशी
- मास – कार्तिक
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – मंगलवार
- शुरू – 11 नवंबर 2024 संध्या 06:47 (PM) से
- समापन – 12 नवंबर 2024 संध्या 04:05 (PM) तक
2. उत्पन्ना एकादशी
- मास – मार्गशीर्ष
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – मंगलवार
- शुरू – 26 नवंबर 2024 देर रात 01:02 (AM) से
- समापन – 27 नवंबर 2024 प्रातः 03:48 (AM) तक
एकादशी कब है दिसंबर 2024
1. मोक्षदा एकादशी
- मास – अगहन (मार्गशीर्ष माह)
- पक्ष – शुक्ल
- दिन – बुधवार
- शुरू – 11 दिसंबर 2024 प्रातः 03:43 (AM) से
- समापन – 12 दिसंबर 2024 देर रात 01:09 (AM) तक
2. सफला एकादशी
- मास – पौष
- पक्ष – कृष्ण
- दिन – बृहस्पतिवार
- शुरू – 25 दिसंबर 2024 रात्रि 10:29 (PM) से
- समापन – 23 दिसंबर 2024 देर रात 12:44 (AM) तक
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एकादशी व्रत के महत्व | Importance of Ekadashi Vrat
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और धार्मिक मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
एकादशी व्रत (उपवास) हिंदू कैलेंडर के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। शब्द ‘एकादशी‘ संस्कृत भाषा में हैं, जिसका अर्थ है ‘ग्यारह’ और यह शब्द हिंदू चंद्र कैलेंडर में हर पखवाड़े के 11 वें दिन से मेल खाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक पक्ष में एक एकादशी पड़ती है यानी हर महीने दो एकादशी (ग्यारस) तीथियां मनाई जाती हैं, प्रत्येक शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में।
हिंदू धर्म में व्रतों में सबसे अधिक महत्व एकादशी को दिया जाता है क्यों की यह व्रत सृष्टि से पालनकर्ता भगवान विष्णु से जुड़ा है। मान्यता है कि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। यही वजह है कि एकादशी का व्रत सभी व्रतों में खास और प्रभावशाली होता है। व्रत की महिमा स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी।
परिवार की सुख समृद्धि की कामना के उद्देश्य से विष्णु भगवान का इस दिन पूजन किया जाता है, व्रत करने वाले उपासक इस दिन एकादशी व्रत की कथा सुनकर व्रत का पारण करते हैं। एकादशी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है और सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं, दरिद्रता दूर होती है, अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता, शत्रुओं का नाश होता है, कभी संकटों से नहीं घिरता है, धन, ऐश्वर्य, कीर्ति, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता रहता है।
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FAQs – Ekadashi Kab Hai 2024
1. साल 2024 की एकादशी (Gyaras) कितनी है?
साल 2024 में कुल 25 एकादशी है। सफला एकादशी इस साल दो बार (07 जनवरी में और 26 दिसंबर) है।
2. क्या एकादशी के दिन चावल खा सकते हैं?
व्रत का नियम है कि एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है। चावल खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ती है इससे मन विचलित और चंचल होता है। मन के चंचल होने से व्रत के नियमों का पालन करने में बाधा आती है।
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