Naulakha Mandir Deoghar – नौलखा मंदिर, देवघर अपनी भव्य वास्तुकला, आध्यात्मिक शांति और भक्तिमय वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर न केवल देवघर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, बल्कि अपनी अद्भुत संरचना और दिव्यता के कारण पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण भी है।
भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा को समर्पित यह मंदिर 146 फीट ऊँचा है, जिसकी भव्यता इसे देवघर के सबसे शानदार दर्शनीय स्थलों में शामिल करती है। इसकी नक्काशीदार संरचना और शांत वातावरण भक्तों को एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है, जो आध्यात्मिकता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
नौलखा मंदिर देवघर, झारखंड
नौलखा मंदिर (Naulakha Temple) देवघर शहर से सिर्फ 2 किमी दूर स्थित है और अपनी स्थापत्य सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
नौलखा मंदिर का निर्माण 1940 में कोलकाता के एक शाही परिवार, पथूरिया घाट की रानी चारुशीला द्वारा नौ लाख रुपये के दान से किया गया था। इसलिए, मंदिर का नाम ‘नौलखा’ (‘नौ’ का अर्थ नौ और ‘लाखा’ का अर्थ लाख) रखा गया है।
इसकी वास्तुकला कोलकाता में बेलूर मठ (रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय) की तरह दिखती है और इसका नजारा पर्यटकों के लिए वास्तुशिल्प रूप से भव्य है। मंदिर में राधा और कृष्ण की सुंदर मूर्तियाँ हैं। इसमें संत बालानंद ब्रह्मचारी की एक मूर्ति भी है।

नौलखा मंदिर देवघर का इतिहास – Naulakha Mandir Deoghar History in Hindi
पथूरिया घाट की रानी चारुशीला ने अपने पति अक्षय घोष और बेटे जतिंद्र घोष को कम उम्र में खो दिया था। मौत से दुखी होकर वह बहुत उदास और अकेलापन महसूस कर रही थी।
शांति की तलाश में अपना घर छोड़ दिया और संत बालानंद ब्रह्मचारी से मुलाकात के लिए देवघर के कर्निबाद आई और बालानंद ब्रह्मचारी के आश्रम में रहीं। बाद में वह बालानंद ब्रह्मचारी के शिष्यत्व को स्वीकार की।
श्री बालानंद ब्रह्मचारी ने उन्हें उपदेश दिया और उन्हें शांत किया और एक मंदिर बनाने की सलाह दी। मंदिर के निर्माण के लिए रानी ने 9 लाख रुपये मंजूर किए। 1940 में जब इसे बनाया गया था तब यह काफी बड़ी राशि थी।
चारुशीला देवी ने उनके निर्देशन में मंदिर की स्थापना की। कुछ महीनों के बाद, श्री काली दास राम, पश्चिम बंगाल के एक प्रसिद्ध इंजीनियर और स्वामी बालानंद ब्रह्मचारी के शिष्य थे, चारुशीला देवी ने उन्हें मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी दी।
कैसे पहुंचे नौलखा मंदिर
नौलखा मंदिर देवघर शहर से केवल 2 किमी दूर है। यहां पहुंचने के लिए आप देवघर या जसीडीह से टैक्सी, ऑटो, टोटो, बस, कार आदि ले सकते हैं।
निकटतम बस स्टैंड
- देवघर बस स्टैंड– नौलखा मंदिर से देवघर बस स्टैंड 2 किमी दूर है।
- जसीडीह बस स्टैंड– नौलखा मंदिर से जसीडीह बस स्टैंड 9 किमी दूर है।
निकटतम रेलवे स्टेशन
- देवघर रेलवे स्टेशन – नौलखा मंदिर से देवघर स्टेशन 2 किमी दूर है।
- जसीडीह रेलवे स्टेशन – नौलखा मंदिर से जसीडीह जंक्शन 9 किमी दूर है।
निकटतम हवाई अड्डा
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा कोलकाता- 271 किलोमीटर
- बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची – 250 किलोमीटर
- लोक नायक हवाई अड्डा पटना – 255 किलोमीटर
- देवघर हवाई अड्डा – 7 किलोमीटर
कहाँ रहा जाए – Hotels Near Naulakha Mandir
यदि आप देवघर के अन्य सभी पर्यटन स्थलों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो देवघर या जसीडीह में किसी भी अच्छे होटल में रुकना ठीक होगा। यहाँ देवघर में सर्वश्रेष्ठ होटलों की सूची दी गई है।
नौलखा मंदिर देवघर का समय
- 7:00 AM to 12:00 PM
- 2:00 PM to 7:00 PM
दोपहर 12 से 2 बजे तक मंदिर बंद रहता है।
कुछ महात्वपूर्णा जानकारी
- मंदिर का क्षेत्र बड़ा है, और आप अपनी इच्छानुसार मंदिर के अंदर रह सकते हैं।
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की अनुमति मंदिर के अंदर नहीं है।
- आप मंदिर के बहार का फोटो ले सकते हैं ।
- मंदिर का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
नौलखा मंदिर के नजदिक सुविधायें
निकटतम अस्पताल
- देवघर सदर अस्पताल- 1.5 किलोमीटर
निकटतम पुलिस स्टेशन
- कुंडा थाना, कर्निबाद, देवघर – 700 मीटर
इनके अलावा नौलखा मंदिर के नजदिक आपको छोटे मोटे रेस्टोरेंट और जनसुविधाएं मिल जाएंगे।
FAQs – Naulakha Mandir Deoghar
नौलखा मंदिर के नाम से कई मंदिर हैं। उनमें से कुछ हैं- नौलखा मंदिर राजगीर, नौलखा मंदिर वैशाली, नौलखा मंदिर बेगूसराय, नौलखा मंदिर बक्सर बिहार, नौलखा मंदिर प्रयागराज। हालांकि नौलखा मंदिर देवघर (झारखंड) सबसे प्रसिद्ध है।
देवघर से नौलखा मंदिर की दूरी 2 किमी है।
पथूरिया घाट की रानी चारुशीला द्वारा नौलखा मंदिर का निर्माण किया गया।
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