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पंचक कब है इस महीने में – Panchak Kab Hai 2025

Panchak Kab Hai 2025 – हमारे समाज में प्रत्येक कार्य करने से पहले तिथि या मुहुर्त देखने का रिवाज है और मुहूर्त शास्त्र में सबसे अधिक महत्व पंचक को दिया जाता है। पंचक को लेकर लोगों में मन में अक्सर संशय की स्थिति रहती है। लोग अक्सर ज्योतिषियों और पंडितो से पूछते रहते हैं पंचक में शुभ कार्य करना चाहिए या नहीं।

पंचांग के अनुसार हर मास में ऐसे ही 5 दिन होते है, जिनमें किसी भी तरह के शुभ या मंगलिक कार्यों की मनाही होती है। इन पांच दिनों को पंचक नाम से जानते हैं। आईये जानते है की वर्ष 2025 में पंचक कब कब है

पंचक कब है इस महीने में – Panchak Kab Tak Hai

साल 2025 के जनवरी से दिसंबर तक की पंचक तिथि की सूची नीचे टेबल में दी गई है। चलिए देखते है हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस महीने में Panchak Kab Hai –

माहपंचकसमय
जनवरी पंचक 2025चोर पंचकपंचक आरम्भ: 3 जनवरी 2025, शुक्रवार को 10:47 (AM) बजे से
पंचक समाप्त: 7 जनवरी 2025, मंगलवार को 05:50 (PM) बजे तक
पंचक आरम्भ: 30 जनवरी 2025, बृहस्पतिवार को 06:35 (PM) बजे से
फरवरी पंचक 2025पंचक समाप्त: 3 फरवरी 2025, सोमवार को 11:16 (PM) बजे तक
पंचक आरम्भ: 27 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार को 04:37 (AM) बजे से
मार्च पंचक 2025पंचक समाप्त: 3 मार्च 2025, सोमवार को 06:39 (AM) बजे तक
पंचक आरम्भ: 26 मार्च 2025, बुधवार को 03:14 (PM) बजे से
पंचक समाप्त: 30 मार्च 2025, रविवार को 04:35 (PM) बजे तक
अप्रैल पंचर 2025पंचक आरम्भ: 23 अप्रैल 2025, बुधवार को 12:31 (AM) बजे से
पंचक समाप्त: 27 अप्रैल 2025, रविवार को 03:39 (AM) बजे तक
मई पंचक 2025अग्नि पंचकपंचक आरम्भ: 20 मई 2025, मंगलवार को 07:35 (AM) बजे बजे से
पंचक समाप्त: 24 मई 2025, शनिवार को 01:48 (PM) बजे तक
जून पंचक 2025राज पंचकपंचक आरम्भ: 16 जून 2025, सोमवार को 01:10 (PM) बजे से
पंचक समाप्त: 20 जून 2025, शुक्रवार को 09:45 (PM) बजे तक
जुलाई पंचक 2025रोग पंचकपंचक आरम्भ: 13 जुलाई 2025, रविवार को 06:53 (PM) बजे से
पंचक समाप्त: 18 जुलाई 2025, शुक्रवार को 03:39 (AM) बजे तक
अगस्त पंचक 2025रोग पंचकपंचक आरम्भ: 10 अगस्त 2025, रविवार को 02:11 (AM) बजे से
पंचक समाप्त: 14 अगस्त 2025, बृहस्पतिवार को 09:06 (AM) बजे तक
सितंबर पंचक 2025मृत्यु पंचकपंचक आरम्भ: 6 सितम्बर 2025, शनिवार को 11:21 (AM) बजे से
पंचक समाप्त: 10 सितम्बर 2025, बुधवार को 04:03 (PM) बजे तक
अक्टूबर पंचक 2025चोर पंचकपंचक आरम्भ: 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को 09:27 (PM) बजे से
पंचक समाप्त: 8 अक्टूबर 2025, बुधवार को 01:28 (AM) बजे तक
पंचक आरम्भ: 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को 06:48 (AM) बजे से
नवंबर पंचक 2025पंचक समाप्त: 4 नवम्बर 2025, मंगलवार को 12:34 (PM) बजे तक
पंचक आरम्भ: 27 नवम्बर 2025, बृहस्पतिवार को 02:07 (PM) बजे से
दिसंबर पंचक 2025पंचक समाप्त: 1 दिसम्बर 2025, सोमवार को 11:18 (PM) बजे तक
पंचक आरम्भ: 24 दिसम्बर 2025, बुधवार को 07:46 (PM) बजे से
पंचक समाप्त: 29 दिसम्बर 2025, सोमवार को 07:41 (AM) बजे तक
Panchak List 2025 – सभी समय 12-घण्टा प्रारूप में नई दिल्ली, भारत के स्थानीय समय के साथ दर्शाये गए हैं.

पंचक क्या होता है – What is Panchak

पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहते हैं। 27 नक्षत्रों के समूह में अंतिम पांच नक्षत्र दूषित होते हैं जिन्हें पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र है – धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं। पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से प्रारंभ होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता है।

पंचक के प्रकार

पंचक पांच प्रकार के होते हैं:

  • रोग पंचकः रविवार के दिन प्रारंभ पंचक को रोग कहते है। इसमें आपको पांच दिन का शारीरिक व मानसिक तनाव रहता है। यह पंचक हर तरह के मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है ।
  • राज पंचकः सोमवार को प्रारंभ होने वाले पंचक को राज पंचक कहते है। इस पंचक के समय सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है। यह पंचक शुभ माना जाता है। इस दौरान संपत्ति से जुड़े कार्य करना शुभ होता है ।
  • अग्नि पंचकः मंगलवार को शुरू होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते हैं। इस दौरान आप कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसलों पर अपना हक प्राप्त करने के लिए अनेक कार्य कर सकते हैं। यह पंचक अशुभ माना जाता है इसी वजह से इसी पंचक में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य तथा मशीनरी, औजार के काम की शुरुआत करना अशुभ होता है क्योंकि पंचक में नुकसान होने की पूरी संभावना रहती है ।
  • चोर पंचकः शुक्रवार को शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहते हैं। इस पंचक में यात्रा वर्जित है, चोर पंचक के समय लेन देन, व्यापार संबंधित कार्य नहीं करने चाहिए, इससे धन की हानि होती है ।
  • मृत्यु पंचक: शनिवार को प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इस पंचक के दौरान मनुष्य को मृत्यु के समान कष्ट से गुजरता पड़ता है। शारीरिकअथवा मानसिक दोनों तरह से मनुष्य को मृत्यु पंचक के समय पीड़ा उठानी पड़ती है। इसके प्रभाव से दुर्घटना, चोट लगने का खतरा बना रहता है।

पंचक में शुभ कार्य क्यों नहीं किया जाता

हिंदू मान्यताओं के अनुसार अशुभ मुहूर्त में शुरू किया गया कार्य मनचाहा फल नहीं देता है। पंचक को अशुभ मुहूर्त माना जाता है इसीलिए मान्यताओं के अनुसार पंचक के दौरान किए गए कार्य का दुष्प्रभाव पांच गुना बढ़ जाता है और जीवन में कई तरह के संकट आ सकते हैं। यही कारण है कि पंचक के दौरान कोई भी शुभ करने की मनाही होती है।

पंचक में इन 5 कार्यों की मनाही होती है

  1. पंचक के दौरान दक्षिण की ओर यात्रा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है।
  2. पंचक के दौरान चारपाई बनाना शुभ नहीं माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से कोई बड़ा संकट भविष्य में आ सकता है।
  3. पंचक के दौरान रेवती नक्षत्र है तो घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में रहने वाले सदस्यों के बीच मतभेद होता रहता है।
  4. पंचक के दौरान घनिष्ठा नक्षत्र है तो घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आग लगने का भय बना रहता है।
  5. पंचक में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। अगर किया जाता है, तो शव के साथ पांच आटा के पुतले या कुश से पुतला बनाकर अर्थी में रखा जाता है।

राज पंचक 2025 क्या है?

जब पंचक का प्रारंभ सोमवार दिन से होता है तो उसे राज पंचक कहते हैं। राज पंचक में ऊपर बताये पांच कार्यों को छोड़कर कर सभी कार्य संपन्न कर सकते हैं. मान्यताओं के अनुसार, राज पंचक से कोई अशुभ प्रभाव नहीं होता है। राज पंचक को राजसुख प्रदान करने वाला माना जाता है।


FAQs- पंचक कब है 2025 – Panchak Kab Tak Hai

Q1. इस महीने में पंचक कब से कब तक है?

हिंदू मान्यता के अनुसार बेहद अशुभ माना जाने वाला पंचक इस महीने कब से कब तक है- पूरी तिथि और समय इस पोस्ट में दिया हुआ है।

Q2. पंचक में क्या परहेज करें?

पंचक काल के दौरान गृहप्रवेश, विवाह, नव वधु प्रवेश, नव निर्माण, उपनयन संस्कार और मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य वर्जित हैं।

Q3. पंचक में कौन कौन से काम नहीं करना चाहिए?

पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने की मनाही है।पंचक में यात्रा करने की भी मनाही है। मान्यता है कि पंचक में घर की छत और फर्नीचर बनवाना भी बड़े संकट को न्योता देना होता है।


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