Shravani Mela Deoghar – देवघर में श्रावणी मेला हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन (जुलाई-अगस्त) महीने में मनाया जाने वाला एक वार्षिक धार्मिक मेला है। यह मेला जुलाई से अगस्त तक पूरे महीने (4 सप्ताह) तक चलता है।
इस वर्ष (2024) सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होगा और इसका समापन 19 अगस्त को होगा।
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए पूरे महीने को शुभ माना जाता है। इस पोस्ट में आपको श्रावणी मेला देवघर (Shravani Mela Deoghar) के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
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श्रावणी मेला देवघर | Shravani Mela Deoghar
बैद्यनाथ धाम देवघर या बाबाधाम एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है। यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंग स्थलों में से एक है। सावन के महीने में यहां बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु आते हैं।
वैसे तो बैद्यनाथ धाम मंदिर में साल भर शिव भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन सावन के महीने में भीड़ बढ़ जाती है और आप मंदिर परिसर में और दर्शन के लिए गलियारे में कतारबद्ध लाखों भगवाधारी तीर्थयात्रियों को देख सकते हैं। शिव भक्त बैद्यनाथ धाम मंदिर, देवघर में शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए गंगा नदी से पवित्र जल कांवर में भर कर सुल्तानगंज से आते हैं जो देवघर से लगभग 105 किलोमीटर दूर है।
शिव भक्त पहले सुल्तानगंज में गंगा नदी में स्नान करते हैं और बाबा अजगैविनाथ मंदिर में पूजा करते हैं और पवित्र यात्रा को पूरा करने का संकल्प लेते हैं। वे उत्तर-वाहिनी गंगा से गंगाजल को दो बर्तनों में लेकर एक बहंगी या कांवर में रखते हैं और इस कांवर को अपने कंधे पर ले कर बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को गंगा जल चढ़ाने के लिए देवघर आते हैं।
कई भक्त, जो शारीरिक रूप से इस कांवर यात्रा को पैदल पूरा करने में असमर्थ हैं, वे जलाभिषेक करने के लिए सीधे वाहन से बैद्यनाथ धाम आते हैं।
बाबाधाम पहुंचने के बाद, दर्शन के लिए उपलब्ध तीर्थयात्रियों की भीड़ के अनुसार भक्त लंबी प्रतीक्षा कतार में लग जाते हैं। मंदिर और जिला प्रशासन भी भुगतान के आधार पर शीघ्र दर्शनम् सुविधा प्रदान करते हैं। भक्त बाबाधाम मंदिर में जलाभिषेक पूरा करने के बाद वे बाबा बासुकीनाथ को जलाभिषेक करने के लिए बासुकीनाथ मंदिर जाते हैं, जो देवघर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
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श्रावणी मास में कांवरियों को जलार्पण की व्यवस्था
श्रावणी मेले में बाबाधाम आने वाले कांवरियों को सुलभ जलार्पण कराने के लिए प्रशासन ने तीन तरह की व्यवस्था की है। पहली व्यवस्था के तहत सामान्य कतार लगेगी। इसके लिए बाबा मंदिर से लेकर रूट लाइन में लगने की व्यवस्था की गयी है। सामान्य कतार के माध्यम से पूजा करने वाले कांवरियों को जल का संकल्प कराने के बाद मानसरोवर की ओर से जलसार चिल्ड्रेन पार्क होते हुए कतार के अंतिम छोर तक जाना होगा।
दूसरी व्यवस्था शीघ्र दर्शनम की है, इसमें प्रति व्यक्ति 500 रुपये देना होगा। इस कूपन को लेने वाले भक्तों को प्रशासनिक भवन के रास्ते से 30 से 40 मिनट में जलार्पण की व्यवस्था की गयी है।
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इसके अलावा तीसरा व्यवस्था बाह्य अरघा से जलार्पण की है। यह मंदिर परिसर स्थित निकास द्वार से सटा हुआ है। इसमें पाइपलाइन को बाबा के शिवलिंग तक जोड़ा गया है। यहां पर जलार्पण करने के बाद कांवरियों का जल सीधे बाबा पर अर्पित होगा, जिसे बाबा मंदिर के ठीक ऊपर लगे बड़े स्क्रीन में भक्त देख सकते हैं।
श्रावणी मेला का इतिहास History Of Shravani Mela in Hindi
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान, हलाहल विष सहित कई दिव्य चीजें सामने आईं । जैसे ही भगवान शिव ने इसका सेवन किया, पार्वती ने विष को निगलने से रोकने के लिए उनकी गला पकड़ ली, जिससे उनका गला नीला हो गया, इसलिए उनका नाम नीलकंठ पड़ा । फिर भी विष ने शिव के शरीर पर प्रभाव डाला।
विष के प्रभाव को कम करने के लिए शिव को जल चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई। इसलिए सभी ठंडी चीजों जैसे- अर्धचंद्र, गंगा और लिंग पर लगातार टपकता जल के साथ उनका जुड़ाव। ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन श्रावण के महीने में हुआ था, इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने की प्रथा तब से शुरू हुई।
जैसा कि आनंद रामायण में उल्लेख किया गया है, भगवान राम पहले भक्त थे जिन्होंने सुल्तानगंज से पवित्र गंगाजल लेके आये थे और बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को जलाभिषेक किया था। तभी से कांवड़ यात्रा शुरू हुई।
कांवड़ यात्रा जो कभी एक छोटा सा आयोजन था, पिछले कुछ दशकों में श्रावणी मेले के भव्य धार्मिक आयोजन का रूप ले लिया है और इस मेले में विदेशी भक्तों सहित विभिन्न राज्यों से लगभग 55-60 लाख श्रद्धालु भक्त शामिल होते हैं।
सावन सोमवार का महत्व
हिंदू धर्म में सोमवार को शिव पूजा का दिन माना जाता है और इसलिए सावन के महीने में सोमवार का अलग महत्व है। शिव भक्त सावन सोमवार पर उपवास रखते हैं और शिव पर जलाभिषेक करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के दौरान कुल चार से पांच सोमवार आते हैं और यह बहुत शुभ समय माना जाता है जब भक्त शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाते हैं।
इस साल कुल 5 सोमवार व्रत हैं –
पहला सावन सोमवार – 22 जुलाई 2024
दूसरा सावन सोमवार – 29 जुलाई 2024
तीसरा सावन सोमवार – 5 अगस्त 2024
चौथा सावन सोमवार – 12 अगस्त 2024
पाँचवा सावन सोमवार – 19 अगस्त 2024
श्रावणी मेला देवघर कांवरिया मार्ग (रूट)
सावन मेले के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों के लिए आसान दर्शन के लिए मार्ग का अनुसरण करने का आग्रह किया है।
तीर्थयात्रियों के लिए दिशानिर्देश
- जिला प्रशासन के निर्देशानुसार श्रावणी मेला कांवड़िया मार्ग का पालन करें।
- कतार में रहें और कतार में जल्दबाजी न करें।
- पुलिस और आरपीएफ द्वारा पीए सिस्टम पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- यात्रा के दौरान या मंदिर परिसर में कीमती आभूषण (सोना / हीरा आदि) न पहनें और न ही ले जाएं।
- अफवाहों पर विश्वास न करें। फैक्ट चेक करें।
- चिकित्सा अत्यावश्यकता के मामले में, उपलब्ध पुलिस या चिकित्सा सेवा केंद्र से सहायता लें।
- बच्चों और बुजुर्गों को प्राथमिकता दें।
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले एक्सेस कार्ड सिस्टम से अपना एक्सेस कार्ड प्राप्त करें।
- मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के दौरान कतार में रहे।
- अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- अपने आप को शांत रखकर और बुद्धि तत्परता का उपयोग करके भगदड़ से सुरक्षित रहें।
देवघर में कहाँ ठहरें
यदि आपके पास अपने तीर्थ पुरोहित (पांडा जी) का संपर्क विवरण है तो आप उनसे देवघर में ठहरने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कह सकते हैं। वे आपको उनके घर, गेस्ट हाउस, या धर्मशाला में आपको आवास दिलाने में मदद करेंगे।
अगर आपका कोई संपर्क नहीं है तो आप देवघर के किसी भी अच्छे होटल में ठहर सकते हैं। यहाँ देवघर में सर्वश्रेष्ठ होटलों की सूची दी गई है।
श्रावणी मेले का दौरान सभी होटल फुल हो जाते हैं इसलिए आपको पहले ही बुकिंग कर लेनी चाहिए। (नकली एजेंट और गाइड से सावधान)
महत्वपूर्ण संपर्क जानकारी
बाबाधाम मंदिर, देवघर | +91-9430322655, 06432-232680 |
देवघर जिला नियंत्रण कक्ष | 100 / 06432-235719 |
सिविल सर्जन सदर अस्पताल | 9263002130 |
देवघर फायर सर्विस | 06432-223260 |
देवघर थाना प्रभारी | 9470591050 |
मोहनपुर थाना प्रभारी | 9470591053 |
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी | 9470591066 |
देवघर जिला कलेक्टर | 9431139339 |
आधिकारिक वेबसाइट (जिला प्रशासन) | https://deoghar.nic.in |
आधिकारिक वेबसाइट (मंदिर प्रशासन) | https://babadham.org |
ईमेल (जिला प्रशासन) | jhrdeo@nic.in |
ईमेल (मंदिर प्रशासन) | contact@babadham.org |
ट्विटर हैंडल (डीसी देवघर) | @DCDeoghar |
(नोट: नवीनतम संपर्क जानकारी के लिए कृपया आधिकारिक वेबसाइट देखें)
FAQs – श्रावणी मेला देवघर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. श्रावणी मेला कहाँ आयोजित किया जाता है?
श्रावणी मेला झारखंड के देवघर में एक वार्षिक धार्मिक मेले के रूप में आयोजित किया जाता है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन (जुलाई-अगस्त) महीने में मनाया जाता है।
2. श्रावणी मेले के दौरान दर्शन का समय क्या है?
मंदिर का सामान्य समय सुबह 4 बजे से दोपहर 3:30 बजे और शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक है। लेकिन श्रावणी मेला के दौरान समय बढ़ाया जा सकता है।
3. प्रथम और अंतिम सावन सोमवार की तिथियां?
पहला सावन सोमवार 4 जुलाई और अंतिम सोमवार 28 अगस्त 2023 को संपन्न हुआ।
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