Trikut Parvat Deoghar – अगर आपको रहस्य और रोमांच का सफर तय करना हो तो देवघर का त्रिकूट पहाड़ आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है। यहां एक तरफ एशिया का सबसे ऊंचा रोपवे पर्यटकों को आकर्षित करता है तो वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक ट्रेकिंग भी लोगों को अपनी तरफ खींच लाता है।
त्रिकूट पर्वत (Trikut Parvat) मोहनपुर ब्लॉक में दुमका रोड पर देवघर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पोस्ट के मध्यम से त्रिकूट पर्वत के बारे में हम सारी जानकारी आपको देंगे। इसिलिए इस पोस्ट को अंत तक पढें।
त्रिकुट पहाड़ | त्रिकूट पर्वत | त्रिकुट हिल्स इतना लोकप्रिय क्यों ?
त्रिकूट पर्वत (लोकप्रिय रूप से त्रिकूट पहाड़ या त्रिकूट हिल या तिरकुट परवत के रूप में जाना जाता है) देवघर के सबसे रोमांचक पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां आप ट्रेकिंग, रोपवे, वन्यजीव एडवेंचर्स और एक सुरक्षित प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
त्रिकूट पहाड़ियों की तीन मुख्य चोटियाँ हैं (इस प्रकार “त्रि” नाम) तीन हिंदू देवताओं, ब्रम्हा, विष्णु और महेश (शिव) के नाम पर हैं। तीन में से दो चोटियां पर्यटकों के लिए खुली हैं।
सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट और जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई तक जाती है, जो इसे ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है। तीन चोटियों में से केवल दो को ही ट्रेकिंग के लिए सुरक्षित माना जाता है, जबकि तीसरी अत्यधिक खड़ी ढलानों के कारण दुर्गम है।
त्रिकुट पर्वत अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। बारिश के मौसम में पहाड़ी बादलों से ढकी रहती है, और जुलाई से सितम्बर के बीच झरने और छोटी धाराएँ दिखाई देती हैं।
त्रिकुट पहाड़ की तलहटी मयूराक्षी नदी से घिरी हुई है, जो झारखंड से होकर बहती है और फिर हुगली नदी में बहने से पहले पश्चिम बंगाल के बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिलों से होकर गुजरती है।
त्रिकूट पहाड़ रोपवे (केबल कार) | एक रोचक यात्रा
त्रिकूट पहाड़ में रोपवे (केबल कार) देवघर का प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। रोपवे पर्यटकों को मुख्य शिखर की चोटी पर ले जाता है। झारखंड में त्रिकुट पहाड़ एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां रोपवे का इस्तेमाल किया जाता है। रोपवे की लंबाई लगभग 766 मीटर (2512 फीट) है जो भारत का सबसे ऊँचा ऊर्ध्वाधर रोपवे है जिसका अधिकतम लेंस कोण 44 डिग्री है।
त्रिकुट रोपवे मे पर्यटकों के लिए कुल 26 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं और चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 से 10 मिनट हैं लेकिन चोटी पर पहुंचने के बाद वहां से जो नज़ारा दिखाई देता है वो बहुत ही शानदार होता है। देवघर का रोमांचकारी मनोरम 360 डिग्री दृश्य देखने लायक होता है।
यदि आप एक एडवेंचर् प्रेमी हैं, तो आप पहाड़ी की चोटी तक पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ और ट्रेकिंग मार्ग से जा सकते हैं। त्रिकुट पहाड़ पर ट्रेकिंग आपके लिए एक साहसिक अनुभव होगा। ट्रेकिंग में आम तौर पर 2 घंटे लगते हैं जबकि रोपवे के लिए आपको लगभग 130 रुपये खर्च करने होंगे।
त्रिकूट हिल रोपवे का समय और प्रवेश शुल्क
रोपवे सेवा सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक चालू रहती है। शाम 4:00 बजे के बाद प्रवेश बंद हो जाता है और केवल पहाड़ी पर गए पर्यटक ही वापस आ सकते हैं।
रोपवे शुल्क प्रति वयस्क व्यक्ति 130 रुपये है और बच्चे के लिए यह 65 रुपये है। यह दो-तरफा यात्रा किराया है।
त्रिकूट पहाड़ का इतिहास | Trikut Parvat History in Hindi
ऐसी मान्यता है कि जब रावण इस मार्ग से कैलाश से शिवलिंग को लंका ले जा रहे थे, तब वह अपनी यात्रा के बीच में पहाड़ी की चोटी पर उतरे; इसलिए त्रिकुट पहाड़ी के एक जगह का नाम रावण का हेलीपैड है।
तीर्थयात्रा के लिए भी त्रिकुट पर्वत एक लोकप्रिय स्थान है। चढाई पर घने जंगल में प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर (त्रिकूट पर्वत मंदिर) और संत दयानंद का आश्रम है।
त्रिकुट पहाड़ पर देखने लायक जगह
त्रिकुट पर्वत के उपर कई सारे स्थल है जिन्हें देखने के लिए पर्यटक पहुंचते है। पर्वत के उपर देखने लायक जगह के नाम नीचे दिए गए हैं।
- हनुमान छाती
- सीता दीप
- रावण के पुष्पक विमान का हैलीपैड
- नारायण शिला
- सुसाइड प्वाइंट
- अँधेरी गुफा (रावण गुफा)
- गणेश पर्वत
- बेलपत्र बागान -त्रिकूट पहाड़ के बेलपत्र का बहुत महत्व है। शिव भक्त यहां से बेलपत्र तोडकर बाबा मंदिर मे शिव पर चढाते हैं।
इन सभी के अलावा बरसात के मौसम में आपको कई सारे छोटे छोटे झरने देखने को मिलेंगे। अगर आप त्रिकुट पर्वत पहली बार जा रहे हैं और इन सभी स्थलों को देखना चाहते हैं तो अपने साथ एक टूरिस्ट गाइड या स्थानीय मित्र लेकर जरुर जाएँ ताकि आप आसानी से इन स्थलों तक पहुंच सकें और इनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।
कैसे पहुंचें त्रिकुट पहाड़ | Trikut Parvat Deoghar
त्रिकुट पहाड़ पहुंचना बेहद ही आसान है आप अपने दो या चार पहिये वाहन या टैक्सी बुक करके पहुंच सकते हैं। त्रिकुट पर्वत देवघर-दुमका मार्ग में स्थित है। देवघर बस स्टैंड से इसकी दूरी 21 किलोमीटर है और ट्रेन मार्ग से भी लगभाग समान दुरी है।
देवघर से आप त्रिकुट हिल तक पहुंचने के लिए ऑटो / कैब बुक कर सकते हैं। अन्यथा, आप देवघर से बस या ट्रेन ले सकते हैं।
निकटतम बस स्टैंड
- बसडीहा बस स्टैंड– देवघर बस स्टैंड और दुमका से बसडीहा के लिए रोज़ बसें चलती है। बसडीहा बस स्टैंड से त्रिकुट पहाड़ तलहटी की दुरी 2 किलोमीटर है।
- मोहनपुर बस स्टैंड -त्रिकुट पहाड़ तलहटी से दुरी 10 किलोमीटर है।
निकटतम रेलवे स्टेशन
- घोरमारा रेलवे स्टेशन – त्रिकुट पहाड़ तलहटी से 4 किलोमीटर दुर देवघर-दुमका ट्रेन रूट पर है।
- देवघर रेलवे स्टेशन – त्रिकुट पहाड़ से दुरी 18 किलोमीटर
- जसीडीह रेलवे स्टेशन – त्रिकुट पहाड़ से दुरी 21 किलोमीटर
निकटतम हवाई अड्डा
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा कोलकाता- 271 किलोमीटर
- बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची – 250 किलोमीटर
- लोक नायक हवाई अड्डा पटना – 255 किलोमीटर
- देवघर हवाई अड्डा – 25 किलोमीटर
त्रिकुट पहाड़ के नजदिक होटल
देवघर, त्रिकुट पहाड़ का निकटतम शहर है, इसलिए आप देवघर के किसी भी अच्छे होटल में ठहरने की योजना बना सकते हैं। यदि आप एक एडवेंचर्स प्रेमी हैं और तपोवन, बासुकीनाथ, मयूराक्षी बांध (मसनजोर बांध) त्रिकुट जैसे आस-पास के स्थानों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो Tourist Complex, Trikut एक आदर्श विकल्प है। यहां आप उन सभी सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं जो एक शहर के होटलो में मिलता है है। आप झारखंड पर्यटन विभाग से आवास की उपलब्धता और अन्य विवरण पूछ सकते हैं:
Address : Tourist Complex, Trikut, PO-Basdiha Via Ghormara Deoghar
Email: tctrikut@gmail.com
Mobile No. :7091591308
त्रिकूट पर्वत जाने का सबसे अच्छा समय
त्रिकुट घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक है। लेकिन अगर आप जलप्रपात, मयूराक्षी नदी और झरनो का आनंद लेना चाहते हैं, तो जुलाई-अगस्त अच्छा समय रहेगा।
अगर आप ट्रेकिंग या रोपवे का आनंद लेना चाहते हैं तो सुबह 8 बजे से शाम सूर्यास्त से पहले बेहतर होगा।
त्रिकुट पर्वत पर जाने के लिए कुछ महात्वपूर्णा जानकारी
- बंदरों से सावधान रहें। वे आपके छोटे-छोटे सामान जैसे सन-ग्लास, कैमरा, मोबाइल, या कोई भी खाद्य पदार्थ छीन सकते हैं।
- आरामदायक चप्पल या जूते पहनें। यह आपको सीढ़ियों से पहाड़ी पर चढ़ने में मदद करेगा।
- बच्चों का खास ख्याल रखें। पहाड़ी पर बहुत सारे असमतल जगह हैं, और बच्चे गिर सकते हैं।
- पर्याप्त पानी और नाश्ता ले जाएं।
- त्रिकूट पहाड़ घुमने के लिए दिन का समय सबसे अच्छा है।
त्रिकुट पर्वत के नजदिक सुविधायें
निकटतम अस्पताल
- मोहनपुर- 10 किलोमीटर
- देवघर सदर अस्पताल- 20 किलोमीटर
निकटतम पुलिस स्टेशन
- मोहनपुर थाना- 10 किलोमीटर
इनके अलावा त्रिकुट पहाड़ के नजदिक आपको छोटे मोटे रेस्टोरेंट और जनसुविधाएं मिल जाएंगे।
FAQs – Trikut Parvat Deoghar
1. त्रिकुट पर्वत कहाँ स्थित है?
त्रिकुट पर्वत देवघर शहर से लगभग 20 किमी दूर स्थित है।
2. त्रिकूट पर्वत की ऊंचाई कितनी है?
त्रिकुट पहाड़ में तीन चोटियाँ हैं और सबसे ऊँची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट की ऊँचाई तक जाती है और जमीन से लगभग 1500 फीट की दूरी पर यह ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है।
3. त्रिकूट पर्वत रोपवे का टिकट मूल्य क्या है?
त्रिकूट पर्वत रोपवे शुल्क प्रति वयस्क व्यक्ति 130 रुपये है और बच्चे के लिए यह 65 रुपये है। यह दो-तरफा यात्रा किराया है।
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