51 Shakti Peeth List – हिन्दू धर्म के अनुसार जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे, वो पावन स्थल शक्ति पीठ कहलाये। ये पावन तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। पुराणों में 51 शक्ति पीठ के नाम और जगह का अलग-अलग प्रकार से वर्णन है। विभिन्न ग्रंथों में इनकी संख्या भी भिन्न-भिन्न बताई जाती है।
इस पोस्ट में हम आपको माता सती के शरीर के विभिन्न अंगों से निर्मित 51 शक्तिपीठ की लिस्ट और उनके वर्तमान स्थान के विषय में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
51 शक्तिपीठ के नाम और जगह – 51 Shakti Peeth List in Hindi
# | शक्तिपीठ | स्थान | राज्य / देश |
---|---|---|---|
1 | युगाद्या /जुगाड़्या (जोगाद्या / भूतधात्री शक्तिपीठ) | क्षीरग्राम | पश्चिम बंगाल, भारत |
2 | बहुला (श्री बहुला / चंडिका शक्तिपीठ) | केतूग्राम | पश्चिम बंगाल, भारत |
3 | त्रिस्त्रोता / त्रिस्रोत (श्री भ्रामरी शक्तिपीठ) | जलपाइगुड़ी | पश्चिम बंगाल, भारत |
4 | नलहाटी (श्री नलटेश्वरी मंदिर) | नलहाटी | पश्चिम बंगाल, भारत |
5 | वक्त्रेश्वर (श्री महिषमर्दिनी शक्तिपीठ) | वक्रेश्वर | पश्चिम बंगाल, भारत |
6 | नन्दीपुर (श्री नन्दिकेश्वरी मंदिर) | सैन्थिआ | पश्चिम बंगाल, भारत |
7 | किरीट (श्री किरीटेश्वरी / विमला मंदिर) | किरीटकोण | पश्चिम बंगाल, भारत |
8 | विभाष (श्री कपालिनी) | तमलुक | पश्चिम बंगाल, भारत |
9 | अट्टहास (श्री फुल्लरा शक्तिपीठ) | लाबपुर | पश्चिम बंगाल, भारत |
10 | रत्नावली (कुमारी) | कृष्णानगर | पश्चिम बंगाल, भारत |
11 | कालीपीठ, कालीघाट | कोलकाता | पश्चिम बंगाल, भारत |
12 | श्री शैल (महालक्ष्मी) | सिल्हैट टाउन | बांग्लादेश |
13 | सुगंधा (श्री सुगंधा /सुनंदा शक्तिपीठ) | शिकारपुर | बांग्लादेश |
14 | करतोयातट (श्री अपर्णा शक्तिपीठ) | भवानीपुर | बांग्लादेश |
15 | चट्टल /छत्राल (श्री भवानी मंदिर) | सीताकुण्ड | बांग्लादेश |
16 | यशोर (श्री यशोरेश्वरी काली मंदिर) | ईश्वरीपुर | बांग्लादेश |
17 | जयन्ती शक्तिपीठ (श्री नर्तियांग दुर्गा मंदिर) | नर्तियांग | मेघालय, भारत |
18 | त्रिपुरसुन्दरी शक्तिपीठ | उदयपुर | त्रिपुरा, भारत |
18 | कामरूप (कामाख्या शक्तिपीठ) | गुवाहाटी | असम, भारत |
19 | उत्कल /बिराज शक्तिपीठ (विरजादेवी) | जाजपुर | उड़ीसा, भारत |
20 | मिथिला (उच्चैठ मंदिर / उमा देवी) | उच्चैठ | बिहार, भारत |
21 | पटनेश्वरी (सर्वानंदकरी) | पटना | बिहार, भारत |
22 | वैद्यनाथ (जयदुर्गा शक्तिपीठ) | देवघर | झारखण्ड, भारत |
23 | वृन्दावन (चामुण्डा / उमा) | भूतेश्वर | उत्तर प्रदेश, भारत |
24 | वाराणसी (विशालाक्षी / मणिकर्णिका) | वाराणसी | उत्तर प्रदेश, भारत |
25 | प्रयाग (ललिता देवी मंदिर) | प्रयागराज | उत्तर प्रदेश, भारत |
26 | रामगिरि (शिवानी) | चित्रकूट | उत्तर प्रदेश, भारत |
27 | मणिवेदिक /मणिबंध (गायत्री शक्तिपीठ) | पुष्कर | राजस्थान, भारत |
28 | विराट (श्री अम्बिका शक्तिपीठ) | विराटनगर | राजस्थान, भारत |
29 | कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ | थानेसर | हरियाणा, भारत |
30 | ज्वालामुखी शक्तिपीठ | ज्वालामुखी | हिमाचल प्रदेश, भारत |
31 | उज्जयिनी (हरसिद्धि देवी) | उज्जैन | मध्य प्रदेश, भारत |
32 | शोण (कमलाधव) | अमरकण्टक | मध्य प्रदेश, भारत |
33 | रामगिरि (श्री शारदा माता मंदिर) | मैहर | मध्य प्रदेश, भारत |
34 | भैरव पर्वत (श्री गढ़कालिका माता) | उज्जैन | मध्य प्रदेश, भारत |
35 | प्रभास (अम्बाजी मंदिर) | अम्बाजी | गुजरात, भारत |
36 | जालन्धर शक्तिपीठ (श्री देवी तालाब मंदिर) | जलंधर | पंजाब, भारत |
37 | गण्डकी (मुक्तिनाथ मंदिर) | मुक्तिनाथ | नेपाल |
38 | गुजयेश्वरी मंदिर (महामाया) | काठमांडू | नेपाल |
39 | मानस शक्तिपीठ | तिब्बत | तिब्बत |
40 | हिंगुला शक्तिपीठ (हिंगलाज माता) | आशा पुरा | बलूचिस्तान, पाकिस्तान |
41 | इन्द्राक्षी | श्रीलंका | श्रीलंका |
42 | श्रीपर्वत शक्तिपीठ | लद्दाख | जम्मू और कश्मीर, भारत |
43 | पार्वतीपीठ (अमरनाथ गुफा मंदिर) | पहलगाम | जम्मू और कश्मीर, भारत |
44 | करवीर (अम्बाबाई /श्री महालक्ष्मी मंदिर) | कोल्हापुर | महाराष्ट्र, भारत |
45 | जनस्थान /भद्रकाली (सप्तश्रृंगी देवी मंदिर) | नाशिक | महाराष्ट्र, भारत |
46 | गोदावरी तट / सर्वशैल (श्री उमाकोटिलिंगेश्वर) | राजमहेंद्री | आन्ध्र प्रदेश, भारत |
47 | श्रीशैलम (श्री भ्रमराम्बा शक्तिपीठ) | श्रीशैलम | आंध्र प्रदेश, भारत |
48 | शुचि (नारायणी शक्तिपीठ) | शुचीन्द्रम | तमिल नाडु, भारत |
49 | कन्यकाश्रम (श्री भगवती मंदिर) | कन्याकुमारी | तमिल नाडु, भारत |
50 | काञ्ची (श्री कामाक्षी अम्मा मंदिर) | कांचीपुरम | तमिल नाडु, भारत |
51 | इन्द्राक्षी | श्रीलंका | श्रीलंका |
जाग्रत सिद्ध शक्तिपीठ की लिस्ट
# | शक्तिपीठ | स्थान | राज्य |
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1 | कालीपीठ (कालिका) | कालीघाट, कोलकाता | पश्चिम बंगाल |
2 | कामगिरि (कामाख्या) | गुवाहाटी | असम |
3 | छिन्नमस्तिका पीठ | रजरप्पा, रामगढ़ | झारखंड |
4 | विंध्यवासिनी शक्तिपीठ | विंध्याचल | उत्तर प्रदेश |
5 | चामुण्डा देवी | कांगड़ा | हिमाचल प्रदेश |
6 | ज्वालामुखी (ज्वाला देवी) | कांगड़ा | हिमाचल प्रदेश |
7 | हरसिद्धि माता | उज्जैन | मध्य प्रदेश |
8 | शाकम्भरी देवी | सहारनपुर | उत्तर प्रदेश |
9 | हिंगलाज भवानी | बलूचिस्तान प्रान्त | पाकिस्तान |
अन्य शक्तिपीठों की सूची – List of Other Shakti Peeth
- शंकरी देवी, त्रिंकोमाली श्रीलंका
- पञ्चसागर शक्तिपीठ, स्थान का निश्चित पता नहीं
- कालमाधव शक्ति पीठ, स्थान का निश्चित पता नहीं
- सुवर्णकला देवी, प्रद्युम्न, पश्चिमबंगाल
- चामुंडेश्वरी देवी, मैसूर, कर्नाटक
- जोगुलअंबा देवी, आलमपुर, आंध्रप्रदेश
- इकवीराक्षी देवी, नांदेड़, महाराष्ट्र
- हरसिद्धी माता मंदिर, उज्जैन, मध्यप्रदेश
- पुरुहुतिका देवी, पीथमपुरम, आंध्रप्रदेश
- पूरनगिरि मंदिर, टनकपुर, उत्तराखंड
- मनीअंबा देवी, आंध्रप्रदेश
- मधुवेश्वरी देवी, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश
- वैष्णोदेवी, कांगड़ा, हिमाचलप्रदेश
- शाकम्भरी माता बेहट उत्तर प्रदेश
- सर्वमंगला देवी, गया, बिहार
- शारदा देवी , पीओके
- कालका देवी , दिल्ली
- अधर देवी (अर्बुदा माता) माउंट आबू, राजस्थान
क्या है शक्ति पीठ बनने की कथा?
यह माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने देवी आदि शक्ति और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ किया था। देवी आदि शक्ति प्रकट हुईं और शिव से अलग होकर ब्रह्मा को ब्रह्मांड के निर्माण में मदद की। ब्रह्मा बहुत प्रसन्न हुए और देवी आदि शक्ति को शिव को पुनः सौपने का निर्णय किया। इसलिए उनके पुत्र दक्ष ने माता सती को अपनी बेटी के रूप में प्राप्त करने के लिए यज्ञ किया था। भगवान शिव से विवाह करने के संकल्प से माता सती को इस ब्रह्मांड में लाया गया था, और दक्ष का यह यज्ञ सफल रहा।
भगवान शिव के अभिशाप में भगवान ब्रह्मा ने अपने पांचवें सिर को शिव के सामने अपने झूठ के कारण खो दिया था। दक्ष को इसी वजह से भगवान शिव से द्वेष था और भगवान शिव और माता सती की शादी नहीं कराने का निर्णय लिया था। हालांकि, माता सती भगवान शिव की ओर आकर्षित हो गईं और कठोर तपस्या कर अंत में एक दिन, शिव और माता सती का विवाह हुआ।
भगवान शिव पर प्रतिशोध लेने की इच्छा के साथ दक्ष ने यज्ञ किया। दक्ष ने भगवान शिव और अपनी पुत्री माता सती को छोड़कर सभी देवताओं को आमंत्रित किया। माता सती ने यज्ञ में उपस्थित होने की अपनी इच्छा शिव के सामने व्यक्त की। उन्होंने माता को रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश की परंतु माता सती यज्ञ में चली गईं। यज्ञ में पहुँचने के पश्चात माता सती का स्वागत नहीं किया गया। इसके अलावा, दक्ष ने शिव का अपमान किया। माता सती अपने पिता द्वारा अपमान को झेलने में असमर्थ थी, इसलिए उन्होंने अपने शरीर का बलिदान दे दिया।
अपमान और चोट से क्रोधित भगवान शिव ने तांडव किया और शिव के वीरभद्र अवतार ने दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर दिया और उसका सिर काट दिया। सभी मौजूद देवताओं से अनुरोध के बाद दक्ष को वापस जीवित किया गया और मनुष्य के सर की जगह एक बकरी का सिर लगाया।
दुख में डूबे शिव ने माता सती के शरीर को उठाकर, विनाश का दिव्य नृत्य किया। अन्य देवताओं ने विष्णु को इस विनाश को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। जिस पर विष्णु ने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करते हुए माता सती के देह के 51 टुकड़े कर दिए। शरीर के विभिन्न हिस्से भारतीय उपमहाद्वीप के कई स्थानों पर गिरे और वह शक्ति पीठों के रूप में स्थापित हुए।
शक्तिपीठ कितने हैं?
देवीभागवत में 108 और देवीगीता में इनकी संख्या 72 बताई गयी है, वहीं तंत्रचूड़ामणि में शक्तिपीठों की संख्या 52 बताई गयी है। देवीपुराण (महाभागवत) के अनुसार 51 शक्तिपीठों की संख्या बताई गयी है। कुछ अन्य ग्रंथों में भी शक्ति पीठों की संख्या भिन्न-भिन्न पाई जाती है।
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FAQs – 51 Shakti Peeth List – 51 शक्तिपीठ सूची
1. शक्तिपीठ क्या है ?
हिन्दू धर्म के अनुसार जहां सती देवी के शरीर के अंग गिरे, वहां वहां शक्ति पीठ बन गईं। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये।
2. 51 शक्ति पीठ कहाँ स्थित हैं?
51 शक्तिपीठ वर्तमान समय में भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, तिब्बत और पाकिस्तान में हैं।
3. भारत में कुल कितने शक्तिपीठ हैं?
पुराणों में 51 शक्तिपीठ के नाम और जगह का अलग-अलग प्रकार से वर्णन है। देवीभागवत में 108 और देवीगीता में इनकी संख्या 72 बताई गयी है, वहीं तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गयी है।
4. सबसे बड़ा शक्तिपीठ कौन सा है?
जाग्रत और सिद्ध शक्तिपीठ की लिस्ट ऊपर पोस्ट में दी हुई है।
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