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श्रीकृष्ण आरती: आरती कुंजबिहारी की – Aarti Kunj Bihari Ki With Lyrics


Aarti Kunj Bihari Ki – शास्त्रों के अनुसार भगवान पूजन के बाद आरती करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि आरती के बिना पूजा अधूरी होती जाती है। पूजा के अंत में पूजा में किसी भी त्रुटि के लिए भगवान से क्षमा और आरती की जाती है। आरती के बाद ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

श्री कृष्णा पूजा के बाद (जन्माष्टमी या अन्य अवसर पर) कुंज बिहारी की आरती का अपना महत्व है। भगवान श्री कृष्ण के साथ देवी राधा का यह आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki) गीत वातावरण को आनंदित करता है।

कुंज बिहारी जी की आरती शंख, घंटी और करतल बजाते हुए परिवार के साथ भक्ति के साथ गाई जाती है | कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर लोग अपने आस-पास के मंदिरों और घरों में कृष्ण की पालकी सजाते हैं और उनकी विधिवत पूजा और आरती करते हैं।

श्रीकृष्ण की आरती – Lyrics of Aarti Kunj Bihari Ki in Hindi

श्रीकृष्ण की आरती | Lyrics of Aarti Kunj Bihari Ki in Hindi
Sri Kunj Bihari (Krishna) | Image: Kreately.in

॥ श्री कुंजबिहारी आरती ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥1॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।

श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।

गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।

लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥2॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।

गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥3॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।

स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥4॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।

चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥5॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

॥ श्री कुंजबिहारी आरती संपूर्ण ॥

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FAQs – Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics – श्री कुंजबिहारी की आरती

1. श्री कृष्ण की आरती कब और कैसे करनी चाहिए ?

जन्माष्टमी या अन्य अवसर पर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के बाद आरती करनी चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण की आरती करने के बाद माखन और मिश्री का भोग लगाना चाहिए और लोगों में बांटना चाहिए। ऐसा करने से मनोवांछित फल मिलता है।

2. कुंज बिहारी कौन हैं ?

कुंज बिहारी भगवान कृष्ण के कई नमो में से एक नाम है। श्री कृष्ण जो बांके बिहारी, गोपाला, मुरारी, नंदलाल, घनश्याम, गोविंदा, अच्युत और कई अन्य नामों से भी प्रसिद्ध है।


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